Hey you, If you have stumbled your way here while surfing the internet, it’s probably not a coincidence. Whether it’s a story from your past that you want to get off your chest or what your day has been like, a piece of poetry you’ve been mulling over or something you saw recently that moved you, a question that isn’t letting you sleep or a fear that’s consuming you, You can let it out here… Submit here!

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COLD WINDS

COLD WINDS The Sensation of touch by the invisible dead Passing through the spine The soothing peace around it led In thrall of thoughts divine The blurry vision of the wood around The sudden breaks in cold The moving and calming sea like sound The Scene around gets odd The outraged innocence of the one […]

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Mother

Mother Mother is not just a word; it’s a world of love and compassion that I cherish. Every memory I have is intertwined with your care and kindness. One of the greatest qualities I learned from you is to remain indifferent to both praise and blame. I am grateful to you for teaching me that […]

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Mocking bird

The rocky beach the pirouette Bird, Surmised moves through the eastern beds. The overwrought eyes of the smoky shade, In the dreams of a mocking bird in the violet sky gets fade. The reflection of a setting light, In the ocean bed it gives a sight. The darkness that’s spread around makes the dream come […]

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Hindi poem on republic day

अगर ये कानुन ना होते हम दिन रात ना सोते अगर हमारा भीम ना  होता तो एसा ना होता अगर ना लटकता भगत सीह फासी पर हमारा झंड़ा ना लहराता सर- सर-सर अगर रानी लक्षमी बाई ना होती तो सत्रीयों की ये शान ना होती इन सबका समान करो समान करो समान करो By -Vedic […]

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Kavita – Gagan

उमड़ – घुमड़ कर सारे बादल, आसमान से पानी बरसाएँ। कभी गगन में बिजली चमकी, तो कभी काली घटा छाएँ। कभी तारे आसमान में बहार लेकर आ जाएँ। सारे बच्चों की टोली बोली यह मौसम ना कभी बदल जाए।

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Poem

दिवाली आई , दिवाली आई। सब के मन में खुशियां छाई।। दीपक जलाओ , दीपक जलाओ। और पाठआका भी चुड़ोआ।। मिठाई लाओ और खूब खाओ। सब के मन में मिठास है जगाओ।। होती पूजा उन भगवानों की। जिनका नाम है श्री गणेश लक्ष्मी ।। यही प्रार्थना है उनसे की। घर मे ठर ए सुख शांति।। […]

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Poem

आई दिवाली,आई दिवाली खुशियो की बाहर लाई दिवाली चीटु-मीटु मिठाई खाओ पटाके-फोड़ो ,धुम मचाओ घर सजे है सबके सुदर पटाके बजे है गली मे जमकर दिए जलाओ उजाला लाओ बचचो दिवाली जमकर बनाओ By-Vedic jha    

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Jhule

झूले कितने  प्यारे – प्यारे, बच्चे झूलते लगते न्यारे। ऐसी न्यारी शान कभी झूलों से नहीं हटे, बच्चे यूँ ही खिलखिलाकर झूले रहे़। घर आँगन लगता प्यारा, यह दृश्य है सबसे न्यारा। बचपना हमें याद आता, बच्चों का खेलना हमको भाता। झूले कितने प्यारे – प्यारे, बच्चे झूलते लगते न्यारे धन्यवाद    

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Poem

टॉपिक घड़ी देखो देखो मेरी घड़ी , निरंतर है ये चलती रहती। कभी हमे न कुछ है कहती ,निरंतर ये चलती रहती। न कुछ खाती न कुछ पीती, चाबी पर हि है ये जीती। उठाने का जब करे न मन , मेरी घड़ी करती टन् टन । देखो देखो मेरी घड़ी , मेरी घड़ी पहरे […]

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Poem on tree

पेड़ लगाओ , पेड़ लगाओ हरा भरा जीवन बनाओ छाया ये हमको देता है फल ये हमको देता है बाढ़ से हमको बचाते हैं प्रदूषण दूर हटाते हैं, हम भी पेड़ लगाएँगे , संसार को हरा भरा बनाएंगे ॥ शुभदायिनी वालिया , रिदम दुरेजा , शोभित शर्मा , एकांश पाल