22 December 2023
Poem
टॉपिक घड़ी देखो देखो मेरी घड़ी , निरंतर है ये चलती रहती। कभी हमे न कुछ है कहती ,निरंतर ये चलती रहती। न कुछ खाती न कुछ पीती, चाबी पर हि है ये जीती। उठाने का जब करे न मन , मेरी घड़ी करती टन् टन । देखो देखो मेरी घड़ी , मेरी घड़ी पहरे […]
Poem on tree
पेड़ लगाओ , पेड़ लगाओ हरा भरा जीवन बनाओ छाया ये हमको देता है फल ये हमको देता है बाढ़ से हमको बचाते हैं प्रदूषण दूर हटाते हैं, हम भी पेड़ लगाएँगे , संसार को हरा भरा बनाएंगे ॥ शुभदायिनी वालिया , रिदम दुरेजा , शोभित शर्मा , एकांश पाल