Hey you, If you have stumbled your way here while surfing the internet, it’s probably not a coincidence. Whether it’s a story from your past that you want to get off your chest or what your day has been like, a piece of poetry you’ve been mulling over or something you saw recently that moved you, a question that isn’t letting you sleep or a fear that’s consuming you, You can let it out here… Submit here!

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Poem

टॉपिक घड़ी देखो देखो मेरी घड़ी , निरंतर है ये चलती रहती। कभी हमे न कुछ है कहती ,निरंतर ये चलती रहती। न कुछ खाती न कुछ पीती, चाबी पर हि है ये जीती। उठाने का जब करे न मन , मेरी घड़ी करती टन् टन । देखो देखो मेरी घड़ी , मेरी घड़ी पहरे […]

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Poem on tree

पेड़ लगाओ , पेड़ लगाओ हरा भरा जीवन बनाओ छाया ये हमको देता है फल ये हमको देता है बाढ़ से हमको बचाते हैं प्रदूषण दूर हटाते हैं, हम भी पेड़ लगाएँगे , संसार को हरा भरा बनाएंगे ॥ शुभदायिनी वालिया , रिदम दुरेजा , शोभित शर्मा , एकांश पाल