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Poem
आई दिवाली,आई दिवाली
खुशियो की बाहर लाई दिवाली
चीटु-मीटु मिठाई खाओ
पटाके-फोड़ो ,धुम मचाओ
घर सजे है सबके सुदर
पटाके बजे है गली मे जमकर
दिए जलाओ उजाला लाओ
बचचो दिवाली जमकर बनाओ
By-Vedic jha
Hey you, If you have stumbled your way here while surfing the internet, it’s probably not a coincidence. Whether it’s a story from your past that you want to get off your chest or what your day has been like, a piece of poetry you’ve been mulling over or something you saw recently that moved you, a question that isn’t letting you sleep or a fear that’s consuming you, You can let it out here… Submit here!
आई दिवाली,आई दिवाली
खुशियो की बाहर लाई दिवाली
चीटु-मीटु मिठाई खाओ
पटाके-फोड़ो ,धुम मचाओ
घर सजे है सबके सुदर
पटाके बजे है गली मे जमकर
दिए जलाओ उजाला लाओ
बचचो दिवाली जमकर बनाओ
By-Vedic jha