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Hindi poem on republic day

अगर ये कानुन ना होते

हम दिन रात ना सोते

अगर हमारा भीम ना  होता तो एसा ना होता

अगर ना लटकता भगत सीह फासी पर

हमारा झंड़ा ना लहराता सर- सर-सर

अगर रानी लक्षमी बाई ना होती

तो सत्रीयों की ये शान ना होती

इन सबका समान करो

समान करो समान करो

By -Vedic jha

3 thoughts on “Hindi poem on republic day

  1. I was suggested this blog by my cousin. I’m not sure whether this post is written by him as nobody else know such detailed about my difficulty. You are amazing! Thanks!

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