Hey you, If you have stumbled your way here while surfing the internet, it’s probably not a coincidence. Whether it’s a story from your past that you want to get off your chest or what your day has been like, a piece of poetry you’ve been mulling over or something you saw recently that moved you, a question that isn’t letting you sleep or a fear that’s consuming you, You can let it out here… Submit here!

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Hindi poem on republic day

अगर ये कानुन ना होते हम दिन रात ना सोते अगर हमारा भीम ना  होता तो एसा ना होता अगर ना लटकता भगत सीह फासी पर हमारा झंड़ा ना लहराता सर- सर-सर अगर रानी लक्षमी बाई ना होती तो सत्रीयों की ये शान ना होती इन सबका समान करो समान करो समान करो By -Vedic […]

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Kavita – Gagan

उमड़ – घुमड़ कर सारे बादल, आसमान से पानी बरसाएँ। कभी गगन में बिजली चमकी, तो कभी काली घटा छाएँ। कभी तारे आसमान में बहार लेकर आ जाएँ। सारे बच्चों की टोली बोली यह मौसम ना कभी बदल जाए।

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Poem

दिवाली आई , दिवाली आई। सब के मन में खुशियां छाई।। दीपक जलाओ , दीपक जलाओ। और पाठआका भी चुड़ोआ।। मिठाई लाओ और खूब खाओ। सब के मन में मिठास है जगाओ।। होती पूजा उन भगवानों की। जिनका नाम है श्री गणेश लक्ष्मी ।। यही प्रार्थना है उनसे की। घर मे ठर ए सुख शांति।। […]

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Poem

आई दिवाली,आई दिवाली खुशियो की बाहर लाई दिवाली चीटु-मीटु मिठाई खाओ पटाके-फोड़ो ,धुम मचाओ घर सजे है सबके सुदर पटाके बजे है गली मे जमकर दिए जलाओ उजाला लाओ बचचो दिवाली जमकर बनाओ By-Vedic jha